Sunday, 11 April 2021

भारत में कई जगहों पर कई प्रसिद्ध गुफाएं हैं जो की खुद में रहस्य व सुंदरता को समेटे हुए है। उन्हीं प्रसिद्ध गुफाओं में से एक है #बादामीगुफा मंदिर। कर्नाटक राज्य के बागलकोट जिले में बादामी नाम के शहर में बना ये गुफा मंदिर बहुत प्रसिद्ध हैं। भारत की सबसे पुरानी गुफा बादामी को 6वी शताब्दी में बनवाया गया था। बादामी की इन मशहूर गुफाओं के निर्माण का सारा श्रेय चालुक्य वंश को जाता है। यहां की सभी गुफायें नगारा और द्रविड़ शैली में बनवाई गयी थी। इस शैली में बनाने के कारण यहा की सभी गुफाये बहुत ही सुन्दर दिखती है। यहां गुफा मंदिर अपनी सुंदर नक्काशियों के लिए जाने जाते हैं।इसे प्राचीनकाल में वातापी के नाम से भी जाना जाता था। यहाँ स्थित बादामी गुफा समूह अपने पाषाण शिल्पकला के मंदिरों के लिए जाना जाता है।ठोस चट्टानों को काटकर बनाए गए इस मंदिर की आंतरिक सज्जा अति विशिष्ट है।इस गुफा को भारत की सबसे पुरानी गुफाओं में से एक माना जाता है।बादामी गुफा मंदिर के बारे में रोचक तथ्य:-★कर्नाटक के उत्तर-मध्य भाग में स्थित अपनी सुंदर गुफा मंदिरों के लिए प्रसिद्ध बादामी शहर अगत्स्य झील के पास सुन्दर घाटियों तथा सुनहरे बलुआ पत्थर की चट्टानों के मध्य स्थित है।★इस गुफा के अन्दर 4 मंदिर बने हुए हैं, जिनमें से 3 मंदिर हिन्दू धर्म को समर्पित तथा एक मंदिर जैन धर्म को समर्पित है।इस मंदिर में भगवान शिव के अर्धनारीश्वर और हरिहर अवतार की प्रतिमा बनाई गई है।★यहाँ मौजूद पहली गुफा में भगवान शिव को समर्पित एक मंदिर बना हुआ है। मदिर में 18 फुट ऊंची एक नटराज की मूर्ति स्थापित है जिसके 18 हाथ हैं, जो अनेक नृत्य मुद्राओं को दर्शाती है। इस गुफा में भगवान गणेश, महिषासुर मर्दनी, अर्धनारीश्वर और शंकरनारायण की भी अद्भुत चित्रकारी की गई है।★दूसरी गुफा भगवान विष्णु को समर्पित है। इस गुफा की पूर्वी तथा पश्चिमी दीवारों पर भूवराह (नरसिंह देव) और त्रिविक्रम (बामण अवतार) के बड़े चित्र लगे हुए हैं। गुफा की छत भगवान विष्णु के अलावा ब्रह्मा, शिव, अनंतहसहयाना और अष्टादिक्पलाकास आदि के चित्रों से सुशोभित है।★तीसरी गुफा बादामी की प्राचीनकाल की गुफा मंदिरों की वास्तुकला और मूर्तिकला के भव्य रूप को दर्शाती है। यहाँ कई देवताओं की आकृति बनी हुई हैं तथा यहाँ पर ईसा पश्चात 578 शताब्दी के शिलालेख मिलते हैं।चौथी गुफा में एक जैन मंदिर है। यहाँ प्रमुख रूप से जैन मुनियों भगवान महावीर का बैठी अवस्‍था में एक चित्र बना हुआ है और इसके साथ ही तीर्थंकर पार्श्वनाथ की छवि भी मौजूद हैं। एक कन्नड़ शिलालेख के अनुसार यह मंदिर 12वीं शताब्दी का है।★गुफा मंदिरों के अलावा उत्तरी पहाड़ी में तीन शिव मंदिर मौजूद हैं जिनमें मालेगट्टी शिवालय सबसे अधिक प्रसिद्ध है। इसके अलावा अन्य प्रसिद्ध मंदिरों में भूतनाथ मंदिर, मल्लिकार्जुन मंदिर और दत्तात्रय मंदिर आदि शामिल हैं।★साल 2015 में यहाँ से केवल 500 मीटर (1600 फीट) की दूरी पर एक ओर गुफा की खोज की गई थी, उस गुफा में लगभग 27 हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तिया मिली थी।★बादामी पर्वत के ऊपरी हिस्से पर बादामी किला स्थित है जिस पर शिव का प्राचीन मंदिर मलेगेती शिवालय है। किले में बना यह मंदिर पत्थरों से निर्मित है।

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